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hindi jokes and shayari

Dharmen Kumar
पापा : पढ़ाई करो ?
बेटा : उससे क्या होगा ?
पापा : अचे मार्क्स ायेनेगे ?
बेटा : उससे क्या होगा ?
पापा : अच्छी सैलरी मिलजी .
बेटा : उससे क्या होगा ?
पापा : बड़ा घर होगा .
बेटा : फिर ?
पापा : फिर आराम करते रहना .
बेटा : तो मई अभी क्या कर रहा हु ?
Dharmen Kumar
Dharmen Kumar
Dharmen Kumar
मम्मी : क्यों रो रहे हो ?
पप्पू : पापा ने किसी नहीं दी
मम्मी : तुम्हे टेबल्स नहीं आते न
पप्पू : पड़ोस वाली आंटी को कौनसे आते है
Dharmen Kumar
Dharmen Kumar
तरस गये आपके दीदार को,
दिल फिर भी आपका इंतज़ार करता है,
हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है,
जो हर रोज़ आपका दीदार करता है।
Dharmen Kumar
आँखों मे आ जाते है आँसू,
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते है उसीसे छुपानी पड़ती है।
Dharmen Kumar
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
Dharmen Kumar
तुझको देखेंगे सितारे तो स्याह माँगेंगे,
और प्यासे तेरी ज़ुल्फों से घटा माँगेंगे,
अपने कंधे से दुपट्टे को ना सरकने देना,
वर्ना बूढ़े भी जवानी की दुआ माँगेंगे।
Dharmen Kumar
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा,
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,
पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।